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अनेकरूपता से धिरा हमारा देश है,
लगी जगह-जगह हिंदी की फुलवारी है,
इनमें हमको सबसे प्यारी,
हिंदी राजभाषा हमारी है।।

हिंदी दिवस १४ सितंबर को मनाया जाता है, परंतु इसका आगाज़ आजादी से पहले स्थापित कर दिया गया था। वर्ष १९१८ में गाँधी जी ने अपने एक सम्मेलन में हिंदी को राजभाषा कहे थे,जिसका प्रभाव भारतीय संविधान के भाग १७ अध्याय के अनुच्छेद ३४३(१) में इसे शामिल किया गया और इसकी लिपि देवनागरी की गई। पहली बार हमारे देश में १४ सितंबर १९४९ को हिंदी दिवस मनाया गया।
हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है। इस देश में अलग-अलग व्यक्तित्व,बुद्धि,भाषा,बोली,खान-पान और रहन-सहन आदि के लोग रहते हैं। इन विविधताओं को एकता के सूत्र में पिरोने का काम हिंदी करती हैं।

हिंदी हमारी राजभाषा है, परंतु आज यह अंतर्राष्ट्रीय भाषा बनने जा रही हैं। इसकी पढ़ाई विदेशों में भी की जाने लगी है। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का काफी श्रेय हमारे नेताओं को भी जाता है, जो विदेशों में भी जाकर हिंदी में वक्तव्य देते हैं। यह गर्व की बात है।
हिंदी दिवस के दिन सारे स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम कई दिनों तक आयोजित किए जाते हैं, जिन्हें हम लोग ‘हिंदी पखवाड़ा’ कहते हैं। इस पखवाड़े में तरह -तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जैसे -कविता पाठ, कहानी लेखन, निबंध लेखन, वाद-विवाद, भाषण आदि।

हिंदी भाषा की पढ़ाई पूरे विश्व में करीबन १७५ विश्वविद्यालयों में की जाती है। इतना ही नहीं वहाँ प्रसाद, पंत, निराला और महादेवी की रचनाओं को भी पढ़ा जाता है। इतना ही नहीं वैश्विक स्तर पर बोलने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा हैं इसलिए १० जनवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी कार्यालयों में हिंदी को बढ़ावा एवं प्रोत्साहन देने के लिए एक हिंदी अधिकारी को भी नियुक्त किया गया है। हिंदी भाषा, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है।

इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी से संबंधित क्षेत्र में उनके बेहतर काम करने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाता है। भाषा को आगे बढ़ाने में भारतेंदु से लेकर जैनेंद्र तक सभी लोगों की भूमिका अनुकरणीय है।

अतः हम कह सकते हैं कि –
हिंदी हमारी शक्ति है,
जन-जन में फैली एक अभिव्यक्ति है।

इसके तेज को कोई रोक नहीं सकता, इसकी शक्ति को कोई नकार नहीं सकता, इसकी महिमा को कोई अनदेखा नहीं कर सकता।

 

Written By

Gopal Krishna Keshari 

HOD & Senior Teacher 

Hindi Department